उसका अब रूप रंग क्या होगा
बोलता अंग अंग क्या होगा
दिलकशी जिसकी हो उदासी में
उसकी खुशियों का रंग क्या होगा
जी रहा है तेरे फिराक में जो
उसके जीने का ढंग क्या होगा
कैंचियां आसमां में चलती हैं अब
उडा कर पतंग क्या होगा
जामा पोशी फरेब लगती है
कोई ऐसा भी नंग क्या होगा
जीतने पर भी हार अपनी है
छेडकर तुम से जंग क्या होगा
सात रंगों की इस धनक में पयाम
देखिये अपना रंग क्या होगा
"ye tūl arz-o-sama to bahut hi kam hai payam
ये तूल अर्ज ओ समा तो बहत ही कम है पयाम
tere shaūr-e-takhyyul ki wusaton ke liye
तेरे शउर ए तखय्यूल की वूस्अतों के लिए "
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